Monday, December 31, 2018

2018 के फ़िल्मों के नाम की कहानी





प्यारी 'परी',

मैंने किसी से सुना कि आज तुम्हारे भाई की शादी है. तो सबसे पहले तुम्हें तुम्हारे 'वीरे दी वेडिंग' के मौके पर बहुत बहुत 'बधाई हो'.. आज सुबह से ही मुझे 'हिचकी' आ रही थी और बार-बार अपना 'पास्ट' भी याद आ रहा है.
याद है सब हमें 'लैला मजनूं' कहा करते थे और तुम्हारा निक नेम लेकर तुम्हें छेड़ते कि 'हैप्पी फिर भाग जायेगी' और मेरे दोस्त मुझे 'भैय्या जी सुपरहिट ' कहकर चिढ़ाते! मैं भी अपना 'दिल जंगली' किये 'फन्ने ख़ान ' बना फिरता.

लेकिन, 'ऑक्टूबर' का महीना आते ही जैसे कोई 'परमाणु' बम फूट पड़ा. '1921' के एक पुराने केस में तुम्हारे '102 नॉट आउट ' दादाजी को जब 'मुल्क' ने 'मंटो' के साथ मिलकर 'नमस्ते इंगलैंड' कहने का दोषी पाया तो मैं समझ ही न सका कि क्या करूँ? 'यूनियन लीडर' से लेकर 'साहेब बीबी और गैंगस्टर ' तक उस 'निर्दोष' के पीछे पड़ गये. तुम्हारे घर पर 'रेड' पड़ा. हर तरफ से 'अंधाधुन' हमले होने लगे. वो तो भला हो 'संजू' और 'भावेश जोशी' का जिन्होंने अपने 'पल्टन' के साथ 'केदारनाथ' से आकर मोर्चा संभाल लिया. दो साल की बच्ची 'पीहू' की गवाही भी काम आई जिससे फिर किसी की 'मनमर्जियां' नहीं चल सकी. आखिरकार ये साबित हो ही गया कि 'नमस्ते इंगलैंड' कहने का दोषी वास्तव में वो 'बाइस्कोप वाला' था.

मुझे लगा कि अब सब कुछ ठीक हो जायेगा. लेकिन, पता नहीं हमारी लव स्टोरी कैसे 'हेट स्टोरी' बन गई. पता नहीं मैं तुम्हें क्यों नहीं समझा पाया कि 'सोनू के टीटू की स्वीटी ' से मेरा कोई रिश्ता नहीं. वो तो उस दिन 'नानू की जानू' की ज़िद पर मैं 'बाज़ार' जाकर 'पैडमैन' से उसके लिए 'सुई धागा' लेकर गया था. लेकिन, वो तो मुझे अपना 'लवयात्री ' मान बैठी.

तुम तो नाराज़ हुई तुम्हारा 'मुक्काबाज' भाई भी 'बागी' निकला. जो 'गोल्ड' मैंने तुमसे शादी के लिये इतने अरमानों से जमा किये थे उस 'नवाबजादे' को लगता है कि वो मैंने चुराये हैं. वो मुझे 'ठग्स ऑफ हिंदुस्तान ' गिरोह का आदमी समझने लगा है.

मेरी हालत इन दिनों बिल्कुल ही 'बत्ती गुल मीटर चालू' की तरह हो गई है. कुछ लोग तो अब गोल्ड के लिये मुझे 'ब्लैकमेल' भी कर रहे हैं. 'पद्मावत' फ़िल्म के विरोध की तरह ही बिना बात मेरे पीछे पड़े हैं.

क्या कहूँ. कम लिखे को ज्यादा समझना. तुम 'राज़ी' खुशी से रहो मैं इसी में संतुष्ट हूँ. लेकिन, याद रहे मेरा दिल आज भी सिर्फ तेरे लिये ही 'धड़क' ता है. मुझे यकीन है कि अगर 'सत्यमेव जयते ' का नारा सच्चा है तो एक दिन मैं जरूर साबित कर दूँगा कि तुम्हारा ये 'जीनियस', तुम्हारा ये 'सूरमा' ज़ीरो नहीं है.

मेरे इस प्रेमपत्र को ये न समझना कि मैं वोडका पीकर डायरी लिख रहा हूँ.'कुछ भींगे अल्फाज़ ' हैं जो हो सकता है तुम्हें मेरी 'ऐय्यारी' भी लगे! तुम्हारा ये 'दासदेव' अब 'काशी' के रास्ते 'कालाकांडी' जा रहा है. ज़िंदगी के 'रेस' में शायद हमारा 'कारवां' यही तक था.

तुम्हारा 'सिंबा'

इस साल बड़ी और छोटी मिलाकर बॉलीवुड में लगभग 98 फ़िल्में रिलीज़ हुई हैं. मेरी इस चिट्ठी में 60 से ज़्यादा फ़िल्मों के नाम शामिल हैं. उम्मीद है आप सबको ये चिट्ठी पसंद आएगी। #आपकाहीरेंद्र #विदा2018

विदा 2021

साल 2021 को अगर 364 पन्नों की एक किताब मान लूँ तो ज़्यादातर पन्ने ख़ुशगवार, शानदार और अपनों के प्यार से महकते मालूम होते हैं। हिसाब-किताब अगर ...