Thursday, April 04, 2019

बैठकर कविता मत लिखना

जिस तरफ कोई न दिखे उस तरफ तुम चलना..
जो सफर को निकलो तो कोई नक्शा साथ मत रखना..

रात को जो जागते हो तो इसमें कोई बात नहीं
लेकिन, ये ध्यान रहे कि दिन में कभी मत सोना..

पूछे जो कोई हाल तो कह देना कि सब अच्छा है..
अपना दर्द कभी किसी से भूलकर भी मत कहना..

चालाकियां करेंगे सभी तुमको इस्तेमाल करते हुए
उनसे दूर भले हो जाना बोझ दिल पर मगर मत रखना..

शाम को ज़ाहिर है तुम्हें उसकी याद आयेगी..
उसको फोन कर लेना, बैठकर कविता मत लिखना :) #हीरेंद्र

Wednesday, April 03, 2019

एक प्रेमी की डायरी

हम दोनों तब बेमतलब सी बातों पर देर तक हँसा करते थे.. फोन उठाने में एक पल की भी देरी होती तो बेचैनी बढ़ जाती.. कोई मैसेज आ जाता तो अपने आप हम मुस्कुरा देते. जो मिलते तो देर तक अपने बदन में उसकी खुश्बू महसूस करते..जो न मिल पाते तो शामें उदास हो जातीं.. और भी बहुत कुछ मीठा मीठा हुआ करता. वे नादानियों के दिन थे.. वे मोहब्बत के दिन थे.. तब हमें एक चाय और एक कोल्ड कॉफी से ज्यादा की दरकार नहीं हुआ करती थी.. सच कितने प्यारे दिन थे वे.. हमारे दिन थे वे! उन्हीं दिनों को ताउम्र जी सकें इसी आस में हमने एक यात्रा शुरू की.. यात्राओं की पहली शर्त यही होती है कि नादान बने रहने से काम नहीं चलने वाला.. आप होशियार होने लगते हैं.. आप कुछ और होने लगते हैं! इन सबके बीच कुछ छूटने लगता है.. कई बार हम समझ भी नहीं पाते कि क्या छूट गया है और क्या छोड़ आये हैं.. #हीरेंद्र #एकप्रेमीकीडायरी

Monday, April 01, 2019

मूर्ख दिवस का जश्न

अपनी कमियों को यूं छुपाया दुनिया ने
मूर्ख दिवस का जश्न मनाया दुनिया ने

सुबह का भूला शाम को वापस लौटा है
इस जुमले को खूब भुनाया दुनिया ने

सफर में निकलो तुम पूरी तैयारी से
गिर जाने पर किसे उठाया दुनिया ने

तेरे बाद बड़ी मुश्किल से संभला था
पूछ पूछ कर खूब रूलाया दुनिया ने

मैं भी धीरे-धीरे सबको भूल गया
और एक दिन मुझे भुलाया दुनिया ने #हीरेंद्र

विदा 2021

साल 2021 को अगर 364 पन्नों की एक किताब मान लूँ तो ज़्यादातर पन्ने ख़ुशगवार, शानदार और अपनों के प्यार से महकते मालूम होते हैं। हिसाब-किताब अगर ...