Mai katra hokar bhi toofan se jung leta hoon, mujhe bachana ab samandar ki jimedaari hai, dua karo ki salaamat rahe himmat meri ,yah ek chiraag kayi aandhiyon pe bhari hai!
मैं सिर्फ देह ही नहीं हूँ, एक पिंजरा भी हूँ, यहाँ एक चिड़िया भी रहती है... एक मंदिर भी हूँ, जहां एक देवता बसता है... एक बाजार भी हूँ , जहां मोल-भाव चलता रहता है... एक किताब भी हूँ , जिसमें रोज़ एक पन्ना जुड जाता है... एक कब्रिस्तान भी, जहां कुछ मकबरे हैं... एक बाग भी, जहां कुछ फूल खिले हैं... एक कतरा समंदर का भी है ... और हिमालय का भी... कुछ से अनभिज्ञ हूँ, कुछ से परिचित हूँ... अनगिनत कणों को समेटा हूँ... कि मैं ज़िंदा हूँ !!! - हीरेंद्र
Tuesday, June 05, 2007
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विदा 2021
साल 2021 को अगर 364 पन्नों की एक किताब मान लूँ तो ज़्यादातर पन्ने ख़ुशगवार, शानदार और अपनों के प्यार से महकते मालूम होते हैं। हिसाब-किताब अगर ...

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"हम हैं बच्चे आज के बच्चे हमें न समझो तुम अक़्ल के कच्चे हम जानते हैं झूठ और सच हम जानते हैं गुड टच, बैड टच मम्मी, पापा जब...
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रेप की ख़बरें तब से भयावह लगने लगी है, जबसे रेप का मतलब समझ में आया. मेरी एक दोस्त ने मुझे बताया था कि एक बार जब वो चौदह साल की थी तो उसके...
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भोपाल के डा. बशीर बद्र उर्दू के एक ऐसे शायर हैं जिनकी सहज भाषा और गहरी सोच उन्हें गजल प्रेमियों के बीच एक ऐसे स्थान पर ले गई है जिसकी बराबरी...
1 comment:
itz awesome ... meri gudwishes hamesha tumhare ssth hai..jeet to tum jaoge hi..jab tumhari apni himmat hi tumhare saath hai ...
all d best dost..
:) :) :)
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