Sunday, April 22, 2018

अच्छे लोग

वे बहुत अच्छे लोग हैं..उनके घर का मुखिया सुबह सवेरे टहल कर आता..चाय के साथ अखबार निपटाता और फिर चमकते-इठलाते दफ्तर को निकल जाता..बच्चे कॉलेज चले जाते और बच्चों की माँ लग जाती घर को करीने से सजाने, संवारने में..सुबह जो सबको टिफिन में बांधा था, उसी से पेट भर कर कभी फोन तो कभी टीवी देखते शाम का इंतज़ार...साहब दफ्तर में हर घंटे पर एक सिगरेट पीते ..और आठ सिगरेट फूँक कर घर लौट आते..बच्चे भी कॉलेज से लौटकर म्यूजिक क्लास और स्विमिंग के लिए निकल जाते...देर शाम सब इकट्ठे होकर कुछ वक्त साथ बैठते..खाते- गाते- सो जाते! उनकी अपनी एक अलग दुनिया है..उन्हें किसी अमिताभ, सचिन, मोदी, दामिनी या गुड़िया से कोई विशेष मतलब कभी नहीं रहा..कल पता चला कि वो जुलाई के बाद कनाडा शिफ्ट हो रहे हैं..उन्हें इंडिया में अब मन नहीं लगता..आस-पास के लोग बताते हैं कि इनका कभी किसी से झगड़ा नहीं हुआ.. इनके घर से कभी किसी ने तेज आवाज़ नहीं सुनी..वे सच में बहुत अच्छे लोग हैं! (जो लिखना चाहता था, वो न लिख पाया..पर आप समझ सकें तो एक तस्वीर यह भी है )

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विदा 2021

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