Thursday, April 04, 2019

बैठकर कविता मत लिखना

जिस तरफ कोई न दिखे उस तरफ तुम चलना..
जो सफर को निकलो तो कोई नक्शा साथ मत रखना..

रात को जो जागते हो तो इसमें कोई बात नहीं
लेकिन, ये ध्यान रहे कि दिन में कभी मत सोना..

पूछे जो कोई हाल तो कह देना कि सब अच्छा है..
अपना दर्द कभी किसी से भूलकर भी मत कहना..

चालाकियां करेंगे सभी तुमको इस्तेमाल करते हुए
उनसे दूर भले हो जाना बोझ दिल पर मगर मत रखना..

शाम को ज़ाहिर है तुम्हें उसकी याद आयेगी..
उसको फोन कर लेना, बैठकर कविता मत लिखना :) #हीरेंद्र

No comments:

विदा 2021

साल 2021 को अगर 364 पन्नों की एक किताब मान लूँ तो ज़्यादातर पन्ने ख़ुशगवार, शानदार और अपनों के प्यार से महकते मालूम होते हैं। हिसाब-किताब अगर ...