Friday, April 20, 2018

ग़ज़ल

हिंदू पढ़िए तो कभी मुसलमान पढ़िए
फेसबुक पर मचा ये कोहराम पढ़िए...

औरों को नीचा दिखाने की होड़ में
ऐसी भद्दी गालियाँ न सरेआम पढ़िए...

पहचानिये मज़हब के इन ठेकेदारों को 
किसने सर पे उठा रखा है आसमान पढ़िए..

दोष दूसरों को देना बहुत आसान है
एक बार पहले अपना गिरेबान पढ़िए...

आग में घी नहीं, ज़ख्म को मरहम दीजिए
जहाँ कहीं हो आप अमन के कलाम पढ़िए...

#हीरेंद्र

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