Wednesday, May 02, 2018

कुत्ते गाड़ियों के पीछे क्यों भागते हैं? यह रहा जवाब..

मैंने कई बार दिल्ली में और अब मुंबई में रहते हुए ऐसा देखा है। आपने भी देखा होगा कि कभी-कभी कोई कुत्ता गाड़ी देखते ही उसके पीछे आक्रामक होकर दौड़ने लगता है। भले ही गाड़ी उसकी पकड़ में न आये वो भौंकता हुआ जी-जान से उसे पकड़ने की कोशिश करता है। मैं अक्सर सोचता था कि आख़िर ऐसा क्यों है?

दरअसल, एक दिन मैने देखा कि एक van नुमा सरकारी गाड़ी आयी। कुछ लोग पकड़-पकड़ कर सड़कों पे पलने वाले आवारा कुत्तों को वैन में डाल रहे हैं। मैं जहाँ कपड़े प्रेस करवाता हूँ..वहाँ भी एक कुत्ता बैठा रहता है। पालतू तो नहीं है पर आवारा भी नहीं। यही समझिए कि कुत्ते और धोबी का पारस्परिक कोई संबंध है। दिन में धोबी जब एकाध घण्टे को भोजन या सुस्ताने के लिए अपनी दुकान से हटता है..तब कुत्ते की जिम्मेदारी होती है कि वो उसकी दुकान की सुरक्षा देखे। ऐसा दोनों में समझौता हुआ हो शायद। धोबी भी उसे रोटी, ब्रेड की कमी नहीं रखता।

खैर...वैन की बात हो रही थी। सो, धोबी के कुत्ते को भी पकड़ लिया गया। संयोग से मैं तभी वहाँ से गुज़र रहा था। धोबी ने मुझे बताया कि वो वैन वाले ले गए उसके केजरी को। मैंने ही प्यार से उस कुत्ते को यह नाम दिया है। खैर..मैंने कहा रुको देखता हूँ। मैंने देखा वैन में 6,7 कुत्ते ठुंसे पड़े हैं। मैंने वैन वालों से कहा कि भैया केजरी हमारा दोस्त है, इसको छोड़ दो।

एक सज्जन टाइप स्टाफ गाड़ी से उतरे। उन्होंने बताया कि साहब सब को छोड़ देंगे रात में। वो क्या है न इन कुत्तों की नसबंदी करनी है...आदेश आया है। उसने मुझे भरोसा दिया कि सबको रात होने तक वापस यहीं पहुंचा देंगे...तो फिर मैं लौट आया। अब, मुझे मेरे सवाल का जवाब मिल गया था- कुछ कुत्ते गाड़ियों के पीछे क्यों भागते हैं? #सच्चीकहानी #हीरेंद्र

No comments:

विदा 2021

साल 2021 को अगर 364 पन्नों की एक किताब मान लूँ तो ज़्यादातर पन्ने ख़ुशगवार, शानदार और अपनों के प्यार से महकते मालूम होते हैं। हिसाब-किताब अगर ...