इस हिस्से में पढ़िये एक छोटी सी कहानी- 'परफ्यूम'
आज लिफ्ट में एक लड़की मिली. बहुत आम बात है. लेकिन, ख़ास बात ये थी कि जो परफ्यूम उसने लगा रखी थी उसकी सुगंध मुझे जानी-पहचानी लगी. मैंने बिना देरी किये उससे उसके परफ्यूम का नाम पूछ लिया! पहले तो वो थोड़ी झिझकी फिर स्माइल करते हुए उसने अपने परफ्यूम का नाम बता ही दिया. थैंक्यू कह कर मैं लिफ्ट से निकला फिर फोन बुक से खोज कर एक नंबर निकाला..एक पुरानी दोस्त को फोन मिलाया और कहा- एक बात कहूं, तुम्हारी गंध मुझे अब भी याद है! उसने बड़ी ही मासूमियत से पूछा- और मैं? उसके बाद फोन का नेटवर्क चला गया और परफ्यूम की वो खुशबू भी! #हीरेंद्र
अब आये हैं ब्लॉग पर तो कुछ प्रेमपत्र भी पढ़ते जाइए. ये प्रेम पत्र मैंने किसी प्रेमिका के नाम नहीं बल्कि समय ने जीवन के नाम लिखे हैं!
यह रहा लिंक: प्रेमपत्र (लवलेटर)
आज लिफ्ट में एक लड़की मिली. बहुत आम बात है. लेकिन, ख़ास बात ये थी कि जो परफ्यूम उसने लगा रखी थी उसकी सुगंध मुझे जानी-पहचानी लगी. मैंने बिना देरी किये उससे उसके परफ्यूम का नाम पूछ लिया! पहले तो वो थोड़ी झिझकी फिर स्माइल करते हुए उसने अपने परफ्यूम का नाम बता ही दिया. थैंक्यू कह कर मैं लिफ्ट से निकला फिर फोन बुक से खोज कर एक नंबर निकाला..एक पुरानी दोस्त को फोन मिलाया और कहा- एक बात कहूं, तुम्हारी गंध मुझे अब भी याद है! उसने बड़ी ही मासूमियत से पूछा- और मैं? उसके बाद फोन का नेटवर्क चला गया और परफ्यूम की वो खुशबू भी! #हीरेंद्र
अब आये हैं ब्लॉग पर तो कुछ प्रेमपत्र भी पढ़ते जाइए. ये प्रेम पत्र मैंने किसी प्रेमिका के नाम नहीं बल्कि समय ने जीवन के नाम लिखे हैं!
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