मुझे यह समझने में बहुत समय लगा कि कुछ लोगों में E. Q (Emotional Quotient) 'भावनात्मकता' की मात्रा ज्यादा होती है तो कुछ लोगों में I. Q (Intelligence Quotient) यानी 'बुद्धिमता' का जोर ज्यादा चलता है.
ये दो रवैये वाले लोग पूरी ज़िन्दगी एक दूसरे पर एक दूसरे को ना समझने का आरोप मढ़ते हुए ताउम्र अवसाद में गुजार देते हैं. ये वास्तव में समस्या को पहचान ही नहीं पाते और समाधान तलाशा करते हैं..
नतीजा कलह, अशांति और नाकामयाबी..
जरूरत है EQ और IQ के अंतर को सहजता से स्वीकारना.. किसी को बदलना उसके डीएनए को बदलने की तरह होता है..
तो EQ या IQ को बढ़ाना और एक संतुलन बना पाना, एक परिचित बिंदु तलाश लेना.. उस रिश्ते को भी बचा लेता है!
याद रहे औरों से संबंध मधुर होंगे तभी जीवन सुखी और सफल हो सकता है..वर्ना छटपटा तो हम पिछले जनम से रहे हैं.. #एकमृतककीडायरी से #हीरेंद्र
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