अपनी कमियों को यूं छुपाया दुनिया ने
मूर्ख दिवस का जश्न मनाया दुनिया ने
सुबह का भूला शाम को वापस लौटा है
इस जुमले को खूब भुनाया दुनिया ने
सफर में निकलो तुम पूरी तैयारी से
गिर जाने पर किसे उठाया दुनिया ने
तेरे बाद बड़ी मुश्किल से संभला था
पूछ पूछ कर खूब रूलाया दुनिया ने
मैं भी धीरे-धीरे सबको भूल गया
और एक दिन मुझे भुलाया दुनिया ने #हीरेंद्र
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