Tuesday, May 07, 2019

मैं ही आने वाला कल!!

मैं पायल, मैं झूमर, मैं महबूबा का काजल
मैं पागल, मैं बादल, मैं प्यासों का गंगाजल ..
मैं अम्बर, मैं सागर, मैं ही अम्मा का आँचल..
मैं हूँ बल, मैं ही दल , मैं ही किसान का बैल और हल ..
मैं ही गीत, मैं ही प्रीत, मैं ही रेशम से लिखी गज़ल..
मैं हूँ पल, मैं हूँ फल , मैं ही आने वाला कल!!- हीरेंद्र

(7 मई 2012)

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