Saturday, January 25, 2020

ब्रेकअप के बाद

मैंने यह अनुभव किया है कि इस दुनिया में सबसे ज़्यादा लोग 'प्रेम' में ठगे गये हैं.. संभवत: इसलिये एक प्रेमी कभी सियासत या सिस्टम को 'ठग' नहीं कहता.. उसके अपने दर्द के आगे दुनिया का हर दर्द, हर उथल-पुथल फीका लगता है. वो भीड़ से बचता है. एकांत में देर तक सूनी आँखों से अपने अतीत में झांकता रहता है. वह उस उलझे धागों को सुलझाने की कोशिश में और उलझकर रह जाता है. वह गले फाड़ कर रोना चाहता है. पर सुबक कर रह जाता है. तड़प कर रह जाता है. वो कोसना चाहता है पर अपनी पूर्व प्रेमिका को जी भर कर कोस भी नहीं पाता. वो फेसबुक पर भी घुमा- फिराकर प्रेम के अपने कटु अनुभव पर पोस्ट लिखने लगता है.. वो जानता है कि ये सब सच है, पर कोई उसकी बात को गंभीरता से नहीं लेगा..वो खुद भी यही चाहता है..वो बेबस और असहाय दिखना नहीं चाहता.. कभी-कभी मुस्कुराते हुए  सेल्फी भी शेयर करता है.. ऐसा कई बार कई दिनों या फिर महीनों तक चलता है. फिर वो धीरे-धीरे सामान्य हो जाता है.. फिर वो थोड़ा सा पत्थर हो जाता है.. #हीरेंद्र

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विदा 2021

साल 2021 को अगर 364 पन्नों की एक किताब मान लूँ तो ज़्यादातर पन्ने ख़ुशगवार, शानदार और अपनों के प्यार से महकते मालूम होते हैं। हिसाब-किताब अगर ...